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हरियाणा में भर्ती घोटाला – ग्रुप डी से क्लास वन तक की नौकरियों में डील करता था गिरोह


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डेंटल सर्जन की भर्ती में मोटी रकम लेकर नंबर बढ़वाने वाला गिरोह ग्रुप डी से लेकर क्लास वन तक की नौकरियों में डील करता था। हरियाणा लोक सेवा आयोग के अलावा हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में जबरदस्त सेटिंग थी। परीक्षा से पहले मनचाहा परीक्षा केंद्र दिलाने, आसपास रोल नंबर सेट करने से लेकर परीक्षा के बाद नंबर बढ़ाने की गारंटी लेते थे।

अपने दम पर मैरिट में आने वाले अभ्यर्थियों से संपर्क साध उनको फेल होने का डर दिखा पैसे ऐंठने का षड़यंत्र रचते थे। यह खुलासा एचपीएससी के उप सचिव अनिल नागर और उसके सहयोगी अश्वनी व नवीन से पूछताछ में हुआ है। विजिलेंस इनसे तीन करोड़ रुपये से ज्यादा बरामद कर चुकी है।

विजिलेंस ब्यूरो की जांच में एचसीएस की प्री लिखित परीक्षा में भी कुछ अभ्यर्थियों को पैसे लेकर पास कराने की बातें सामने आई हैं। आरोपियों ने सॉल्वर गैंग के गुर्गे बैठाकर कई अभ्यर्थियों की एचएसएससी की स्टाफ नर्स, वीएलडीए और एमपीएचडब्ल्यू की परीक्षा भी पास कराई है। गिरोह के तार एसआई की भर्ती में खाली छोड़ी गई ओएमआर शीटों से भी जुड़े हो सकते हैं।  

एचपीएसएसी कार्यालय में थी बेरोकटोक एंट्री
एचपीएसएसी कार्यालय में गिरोह के सदस्यों की सीधी एंट्री थी। सीसीटीवी और सिक्योरिटी के बीच वे बेरोकटोक अंदर बाहर आते-जाते थे। उनकी पहुंच गोपनीय शाखा तक थी। ओएमआर शीट में उम्मीदवारों के नंबर चेक करते थे और जो खुद मेरिट से अपने दम पर पास होते थे, उनको भी पैसे के लिए फोन करते थे। विजिलेंस इस ऐंगल पर भी जांच कर रही है।

 विजिलेंस की रिपोर्ट पर भर्ती रद्द या नहीं का फैसला
फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद अब एचपीएससी को विजिलेंस की रिपोर्ट का इंतजार है। इस रिपोर्ट के बाद ही यह फैसला लिया जाएगा कि डेंटल सर्जन और एचसीएस की प्री परीक्षा रद्द की जाए या नहीं। आयोग के चेयरमैन आलोक वर्मा का कहना है कि आरोपियों का रिमांड पूरा होने के बाद जैसे ही विजिलेंस पूरे मामले की रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी, उसके बाद ही परीक्षाओं पर फैसला लिया जाएगा।

स्टाफ नर्स, एमपीएचडब्ल्यू और वीएलए परीक्षा भी शक के दायरे में, आयोग ने शुरू की जांच
आरोपियों से पूछताछ के खुलासे के बाद अब एमपीएचडब्ल्यू, स्टाफ नर्स और वीएलए की परीक्षा भी शक के घेरे में आ गई है। आरोपियों के अनुसार, इन परीक्षाओं में उन्होंने पैसे लेकर काफी संख्या में उम्मीदवारों को पास कराया है।

यह इनपुट मिलते ही आयोग ने इस पर जांच शुरू कर दी है।  विजिलेंस जांच तक तीनों भर्तियों का परिणाम रोक लिया है। एचएसएससी के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी का कहना है कि दूसरों के स्थान पर परीक्षा देने की बात सामने आई है। विजिलेंस से रोल नंबर मांगे हैं, इसकी जांच कराई जाएगी। 

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