हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव में बंपर वोटिंग हुई है. लोगों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया है. शाम पांच बजे तक रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग हुई है. हिमाचल की चारों लोकसभा सीटों के लिए लोगों ने उत्साह के साथ मतदान किया है.
गौरतलब है कि चुनाव आयोग के अनुसार, शाम 5 बजे तक 66.48 फीसदी मतदान हुआ है. इससे पहले, साल 2014 में हिमाचल में 64.45 फीसदी, 2009 में 58.43, 2004 में 59.71 फासदी मतदान हुआ था. पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की लंबी कतारें लगी हैं. साल 1977 में 59.56%, 1980 में 58.70%, 1984-85 में 61.45%, 1989 में 63.94%, 1991 में 57.40%, 1996 में 57.58%, 1998 में 65.32%, 1999 56.78%, 2004 में 59.71%, 2009 में 58.43%, 2014 में 64.45% और 2019 71.42% वोटिंग हुई है.
हिमाचल प्रदेश में मतदान के दिन रविवार को अब तक कहीं से भी हिंसा की कोई खबर नहीं है. शांतिपूर्व तरीके से लोगों ने अपना-अपना वोट डाला है. हिमाचल प्रदेश में 53 लाख 30 हजार 154 वोटर्स हैं, जिसमें आधी आबादी महिलाओं की है.
1.52 लाख ऐसे मतदाता हैं, जो पहली बार वोटर करेंगे. हिमाचल के तीन जिले मंडी, हमीरपुर और लाहौल स्पीती ऐसे जिले हैं, जहां पुरुषों के मुकाबले महिला वोटर्स की संख्या ज्यादा है. हिमाचल की चार सीटों पर 45 उम्मीदवार लड़ रहे हैं. सबसे ज्यादा प्रत्याशी मंडी सीट (17) और सबसे कम शिमला सीट (6) से हैं. प्रत्येक लोकसभा सीट में 17-17 विधानसभा क्षेत्र हैं.
ये हैं मैदानहमीरपुर सीट से भाजपा के अनुराग ठाकुर, कांगड़ा से जयराम सरकार के मंत्री किशन कपूर, मंडी से निवर्तमान सांसद रामस्वरूप शर्मा और शिमला सीट से सुरेश कश्यप चुनावी रण में हैं. दूसरी ओर कांग्रेस से हमीरपुर सीट से पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर, कांगड़ा से विधायक पवन काजल, मंडी से आश्रय शर्मा और शिमला सीट से विधायक कर्नल धनीराम शांडिल मैदान में हैं.
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