धान खरीदी पर सियासत: भाजपा बोली- यह तस्कर अन्याय योजना है, कांग्रेस ने कहा – यह भूपेश का मास्टरस्ट्रोक
28 मार्च 2023 | छत्तीसगढ़ में 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की घोषणा के बाद पक्ष-विपक्ष के बीच तकरार जारी है। भाजपा ने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश में प्रति एकड़ धान की उत्पादकता की तुलना में ज्यादा खरीदी का वादा किया गया है। यह किसानों के लिए लागू राजीव गांधी न्याय योजना नहीं वरन तस्कर अन्याय योजना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में घोषणा की थी कि इस वर्ष से किसानों का प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदा जाएगा। उत्पादन व रकबा बढ़ा तो धान खरीदी की सीमा पहुंची 20 क्विंटल कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले चार वर्ष में प्रदेश में न केवल धान की उत्पादकता बढ़ी है, बल्कि उसका रकबा भी बढ़ा है। सरकार ने किसानों की मांग के बाद ही धान खरीदी की सीमा को बढ़ाया है। वर्ष 2019-20 में प्रदेश में धान का औसत उत्पादन 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर था। जबकि इस साल औसतन 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादकता का अनुमान है। प्रदेश में लगातार धान का उत्पादन बढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 24.98 लाख पंजीकृत किसानों ने 32.19 लाख हेक्टेयर रकबे में धान का उत्पादन किया है। राज्य सरकार ने इस वर्ष 107 लाख 51 हजार 858 टन से अधिक धान की खरीदी की। धान की तस्करी कर खजाना लुटाएंगे: अजय चंद्राकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सबसे अधिक उत्पादकता वाले रायपुर जिले में ही देखें तो 17.58 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन होता है। सबसे कम उत्पादकता 7.72 क्विंटल प्रति एकड़ है। इसका मतलब यह है कि 20 क्विंटल खरीदी की घोषणा सिर्फ राजनीतिक है या फिर कांग्रेसियों के लिए धान तस्करी अन्याय योजना है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोषणा से छत्तीसगढ़ के खजाने को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा धान की तस्करी करने के लिए लुटाया जाएगा। यह प्रदेश की जनता के लिए अन्याय है। भाजपा के पैरों तले जमीन खिसक गई: रविंद्र चौबे कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा से भाजपा के पैरों तले जमीन खिसक गई है। तस्करों के बारे में जिनके पास ज्ञान है वही इस तरह के बयान दे सकते हैं। भाजपा नेता ने सरगुजा से लेकर बस्तर तक के औसत आंकड़े उन्होंने प्रस्तुत किए हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ का जो मैदान है यहां भारी पैमाने पर धान का उत्पादन होता है। यहां तो किसान 35-35 क्विंटल प्रति एकड़ भी धान का उत्पादन करते हैं। यह बात भाजपा नेता अजय चंद्राकर को समझ में नहीं आएगी।