आर्थिक मोर्चे पर लगातार नकारात्मक खबरों के बीच मोदी सरकार के लिए राहत भरी खबर आई है। भारत ने कारोबारी सुगमता रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन के बाद अब वैश्विक आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक में लंबी छलांग लगाई है। भारत इस सूची में 79वें पायदान पर पहुंच गया है, जो एक साल पहले 96वां था। कनाडा के थिंक टैंक फ्रेजर इंस्टीट्यूट और भारतीय थिंक टैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी ने शुक्रवार को वैश्विक आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक 2019 पर संयुक्त रिपोर्ट जारी किया। दुनिया के 162 देशों को इस सूची में शामिल किया गया है। इसमें भारत ने इस साल 17 स्थान की बड़ी छलांग लगाई है। यह सूचकांक दुनियाभर के देशों में सरकार के आकार, कानून व्यवस्था और संपत्ति का अधिकार, मुद्रा की सुगमता, अंतरराष्ट्रीय व्यापार की आजादी व नियमन आदि क्षेत्रों से जुटाए आंकड़ों के आधार पर जारी किया जाता है।
चीन से आगे है भारत
इस प्रतिष्ठित वैश्विक सूचकांक में भारत ने जहां 17 स्थानों की छलांग लगाई है, वहीं इसके सभी पड़ोसी देशों की रैंकिंग में गिरावट आई है। सूचकांक में भूटान पिछले साल के 73वें स्थान से फिसलकर 87वें पर चला गया है, जबकि नेपाल 102 स्थान से 110 पर पहुंच गया है।
इसी तरह, चीन इस साल 113वें पायदान पर रहा, जो पिछले साल 108वें स्थान पर था। पाकिस्तान भी पिछले साल के 132वें पायदान से 136वें पर पहुंच गया है, जबकि बांग्लादेश 120 से फिसलकर 123 पर आ गया है।
हांगकांग पहले पायदान पर
वैश्विक आर्थिक सूचकांक में हांगकांग पहले पायदान पर आ गया है, जिसके बाद सिंगापुर आता है। न्यूजीलैंड इस सूची में तीसरे, स्विट्जरलैंड चौथे और अमेरिका पांचवें पायदान पर है। जापान को 17वां, जर्मनी को 20वां, फ्रांस को 50वां और रूस को 85वां स्थान मिला है।
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