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IFFCO ने किया नैनो टेक्नोलॉजी बेस्ड उर्वरकों का खेतों में परीक्षण का ऐलान


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उर्वरक क्षेत्र की दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको (IFFCO ) ने रविवार को नैनो टेक्नोलॉजी आधारित उर्वरकों का खेतों में परीक्षण करने कीघोषण की। इफको की मातृ इकाई कलोल, गुजरात में आयोजित एक कार्यक्रम बताया गया कि नैनो प्रौद्योगिकी आधारित उत्पादोंजैसे का क्षेत्र परीक्षण जल्द शुरू किया जाएगा।

इस मौके पर केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, पोत परिवहन (स्वतंत्र प्रभार)तथा रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मांडविया, पंचायती राज औरकृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला, गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, गुजरात सरकार के खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, कुटीर उद्योग, प्रिंटिंग व स्टेशनरी मंत्री जयेश रदाड़िया, इफको के अध्यक्ष बी.एस. नकई समेत इफको के कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे।

इफको के इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग राज्यों से आमंत्रित 34 प्रगतिशील किसान शामिल हुए। इनमें से कई किसान पद्मश्री से सम्मानित हैं।

किसानों को नैनो उत्पादों की इस नई शृंखला से परिचित कराया गया और उनके देशव्यापी क्षेत्र परीक्षण के बारे में जानकारी दी गई। नैनो तकनीक पर आधारित उत्पदों को कलोल स्थित इफको के अत्याधुनिक नैनो बायोटेक्नोलौजी रिसर्च सेंटर (एनबीआरसी) में देसी तकनीक से विकसित किया गया है। नैनो संरचना से निर्मित ये उत्पाद पौधों को असरदार पोषण प्रदान करते हैं।

1.परंपरागत रासायनिक उर्वरकों की तुलना में 50 प्रतिशत तक कम खपत।
2.15-30 प्रतिशत अधिक पैदावार।
3.मिट्टी की सेहत में सुधार।
4.ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी।
5.पर्यावरण हितैषी।

इस मौके पर इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा, ‘इन उत्पादों के लॉन्च के प्रथम चरण में आईसीएआर/ कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से नियंत्रित स्थितियों में इनका क्षेत्र परीक्षण किया जाएगा। इस चरण के लिए इफको ने तीन प्रकार के नैनो उत्पाद विकसित किए हैं। पहला इफको नैनो नाइट्रोजन है जिसे यूरिया के विकल्प के रूप में विकसित किया गया है।

सही तरीके से प्रयोग करने पर यह यूरिया की खपत को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। दूसरा उत्पाद इफको नैनो जिंक है जिसे मौजूदा उपलब्ध जिंक उर्वरक के विकल्प के रूप में विकसित किया गया है। इस उत्पाद का केवल 10 ग्राम एक हैक्टेयर भूमि के लिए पर्याप्त है और इससे एनपीके उर्वरक की खपत 50 प्रतिशत तक कम हो जाएगी ।

तीसरा उत्पाद इफको नैनो कॉपर है जो पौधे को पोषण और सुरक्षा दोनों प्रदान करता है। यह पौधे में हानिकारक कीटों के विरूद्ध प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित करता है। इससे पौधे में ग्रोथ हारमोन की सक्रियता बढ़ती है जिससे पौधे का विकास तेजी से होता है।”

इस अवसर पर बोलते हुए केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने इफको के प्रयासों की सराहनाकी और कहा कि ‘‘इफको के इस कदम से वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने केमाननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी।

’’इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास करने तथा भारत में पहले पहल नैनो उत्पाद लाने की घोषणा करने के लिए उन्होंने इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी और उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

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