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सभी अस्पतालों को तैयार रहने के निर्देश; पटना एम्स में 30 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार


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13 मार्च 2023 |  देश में H3N2 वायरस तेजी से पांव पसार रहा है। बिहार में भी इसका मामला सामने आया है। पटना में एक महिला इस वायरस से संक्रमित मिली है। अब बिहार सरकार ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है।

स्वास्थ्य समिति ने वायरस की रोकथाम को लेकर हेल्थ एडवाइजरी जारी कर दी है। इसे सभी स्वास्थ्य संस्थानों को भेज दिया है। वायरस के ट्रांसमिशन को रोकने के लिए बिहार सरकार ने जो निर्देश जारी किए हैं, वे हैं –

  • सभी जिले एवं मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के OPD और IPD में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (Influenza Like Illness (ILI)) और सांस से संबंधित गंभीर बीमारी (Severe Acute Respiratory Illness (SARI)) के मरीजों पर नजर रखें।
  • SARI के रैंडम सैंपम को जांच के लिए RMRI पटना भेजना सुनिश्चित करें।
  • ILI एवं SARI के केस की रिपोर्टिंग IHIP पर करना सुनिश्चित करें।
  • कोविड मरीजों के लिए चिन्हित आइसोलेशन वार्ड्स, ICU को तैयार रखा जाए।
  • आमजन में इस बीमारी और रोकथाम के लिए IEC गतिविधियां सुनिश्चित की जाए।

बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बच्चों को है ज्यादा खतरा

H3N2 एक प्रकार का इफ्लूएंजा वायरस है, जिसे इफ्लूएंजा ‘ए’ वायरस कहा जाता है। यह एक श्वांस संबंधित वायरस है। इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा अस्थमा और लंग्स इन्फेक्शन के मरीज, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बच्चों को है।

इस बीमारी के लक्षण एक सप्ताह या उससे अधिक दिनों तक तेज बुखार, काफी समय तक खांसी रहना, बलगम की परेशानी बढ़ना, नाक से पानी आना, सिर में दर्द रहना, उल्टी जैसा महसूस होना, भूख कम लगना, शरीर में दर्द रहना है।

पटना एम्स में तैयार हुआ 30 बेड का आइसोलेशन वार्ड

H3N2 को लेकर पटना एम्स ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। 30 बेड को अलग से आइसोलेट वार्ड के रूप में तैयार किया जा रहा है। कुछ ही घंटों में मरीज के लिए ये उपलब्ध हो सकता है। पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ गोपाल कृष्ण पाल ने दैनिक भास्कर से कहा कि इस वायरस से आम लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक माइल्ड डिजीज है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी एक भी केस एम्स में ऐसा नहीं आया है, जो H3N2 से प्रभावित हो। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले मरीजों के लिए टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए पटना एम्स में कीट की व्यवस्था की गई है।

बताया कि यह भारत में जनवरी से मार्च एवं मानसून के बाद आता है। यह कोई खतरनाक बीमारी नहीं है। इसके अलावा कैंसर के मरीज, ब्लड प्रेशर के मरीज, डायबिटीज के मरीजों को इस बीमारी से सावधान रहने की जरूरत है।

वायरस के प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए रखें ध्यान

1. खांसते और छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह कवर करें। 2. हाथों को समय-समय पर पानी एवं साबुन से धोते रहे। 3. स्वंय को हाइड्रेट रखें, इसके साथ ही पानी, फ्रूट, जूस और अन्य तरल पेय पदार्थ लेते रहे। 4. नाक और मुंह छूने से बचें। 5. बुखार आने की स्थिति में पैरासिटामोल लें, चिकित्सक की सलाह के बगैर एंटीबायोटिक्स नहीं लें। 6. सार्वजनिक स्थल पर न थूकें।

सोर्स :- “दैनिक भास्कर”                      

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